बंपर उत्पादन के बीच केंद्र सरकार निर्धारित लक्ष्य से चुकी , जानें किस राज्य से कितनी हुई MSP पर चना खरीदी

देश में दलहनी फसलों में अहम चना की सरकारी खरीद के आँकड़े जारी हो गए है। बता दे कि चना खरीद में इस साल मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र ने सभी राज्यों को पीछे छोड़ अव्वल रहे। पर कई राज्यों में रिकार्ड खरीद होने के बावजूद केंद्र सरकार अपने निर्धारित खरीद लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाई। जानकारी के लिए बता दे कि इस साल अब तक चने की कुल सरकारी खरीद 25.92 लाख मीट्रिक टन हो चुकी है. पर सरकार द्वारा 29 लाख मीट्रिक टन चना खरीद का रखा गया था. इन आंकड़ों मुताबिक इस साल तय किए गए टारगेट का मात्र 89 फीसदी चना ही अब तक खरीदा गया है.
ओरिगो ई-मंडी की एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार 1 मार्च से 31 अगस्त 2022 के दौरान मंडियों में चने की आवक पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 15 % ज्यादा रही है. यह 19.7 लाख मीट्रिक टन तक दर्ज की गई है. देश में महाराष्ट्र राज्य में चने की खरीद लक्ष्य के 98 %, तो गुजरात में 104 %, वही मध्य प्रदेश में 92 % और राजस्थान में 50 % तक पहुंच गई है.
देश के किस राज्य में कितनी हुई खरीद?
- इस साल मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा 8.02 लाख मीट्रिक टन चना सरकार द्वारा खरीदा गया है.
- महाराष्ट्र में 7.60 लाख मीट्रिक टन तक चना खरीदा गया है.
- इस साल अब तक के आंकड़ों में गुजरात में 5.59 लाख मीट्रिक टन चने की खरीद सरकार द्वारा हो चुकी है.
- राजस्थान में 2.99 लाख मीट्रिक टन चने की खरीद अब तक हो चुकी है.
- कर्नाटक राज्य में 74 हजार मीट्रिक टन तक चना खरीदा गया है.
- आंध्रप्रदेश में अब तक 72 हजार मीट्रिक टन चना अभी तक खरीदा जा चुका है.
- उत्तर प्रदेश में 26.45 हजार मीट्रिक टन चने की सरकारी खरीद अभी तक हो चुकी है.
जानकारी के लिए बता दे कि इन सभी सूबों में चने की सरकारी खरीद का कार्यक्रम लगभग पूरा हो चुका है.
देश में चना उत्पादन का अनुमान
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार देश में चना उत्पादन सालाना आधार पर 15.4 % की बढ़ोतरी के साथ 137.5 लाख मीट्रिक टन तक होने का अनुमान है. अगर राज्यवार बात करें तो गुजरात में चना उत्पादन 49 % बढ़कर 21.4 लाख मीट्रिक टन, राजस्थान में चना उत्पादन 20 % बढ़कर 27.2 लाख मीट्रिक टन और महाराष्ट्र में 15 % बढ़कर 27.6 लाख मीट्रिक टन तक होने का अनुमान है.
चने का दलहन फसलों में बहुत अहम योगदान
चने का दलहनी फसलों में बहुत अहम स्थान है. इसमें 40 % से ज्यादा अकेले चने की हिस्सेदारी शामिल है. देश में चने का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है. जिसकी वजह से इसके आयात में करीब 31 % तक की कमी देखी गई है. अपना देश अभी तक दलहन फसलों के मामले में आत्मनिर्भर भी नहीं है. भारत सालाना लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की दाल का इंपोर्ट कर रहा हैं. इसलिए सरकार दलहनी फसलों की बुवाई के लिए किसानों को प्रोत्साहन कर रही है. चने का MSP 5230 रुपए प्रति क्विंटल है. जबकि कई सूबों में किसानों को इससे कम दाम भी मिल रहा है.
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