Bee Farming: मात्र 5 बाक्स से शुरू कर अब शहद के कारोबार से 15 लाख सालाना कमा रहा देश का एक किसान, फटाफट यहाँ पढ़ें पूरी रिपोर्ट

किसान समाचार - आज हम यहाँ देश के उत्तर प्रदेश राज्य के हरदोई नामक जिले के एक सफल किसान की कहानी से अवगत करवाने जा रहें है।जो कोई समय मे कंप्यूटर ऑपरेटर हुआ करते थे। इस तरह की कई जॉब करने के बाद भी उनको कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी थी। उनको रोजी रोटी जुटाना भी मुश्किल हो रहा था। फिर उन्होंने मधुमक्खी के छत्तों से वह पार्ट टाइम शहद निकालकर उसे बेचकर आय के लिए कुछ धन एकत्र करने लगे. आज हम इस लेख के माध्यम से हरदोई के भरावन ब्लाक के पहाड़पुर निवासी ओपी मौर्य की कहानी बताने जा रहें जो आज शहद उत्पादन के लिए मधुमक्खीपालन करके सालाना लगभग 15 लाख रुपए तक पैसा कमा रहे हैं. उनका यह काम सिर्फ पांच बॉक्स से शुरू हुआ उनका काम आज लगभग 500 बॉक्स तक पहुंच गया है. देश की केंद्र और राज्य सरकारें इन दिनों मधुमक्खी पालन पर जोर दे रही है. वो इस मीठी क्रांति के जरिए किसानों की आमदनी बढ़ाना चाहती है. यह कार्य पारंपरिक खेती के मुकाबले कितना ज्यादा अच्छा है इसे आज हम ओपी मौर्य की सफलता से समझने की कोशिश करेंगे.
किसान ओपी मौर्य ने बताया कि वर्ष 2005 में उन्होंने कानपुर में आयोजित एक एग्रीकल्चर की कार्यशाला में भाग लिया था. और इस कार्यशाला में उन्हें मधुमक्खी पालन के संबंध में बिल्कुल थोड़ी सी जानकारी दी गई थी. लेकिन उनके मन में इससे कुछ ज्यादा करने की चाहत थी. इसी जुनून के चलते लखनऊ के डाली बाग में विभाग द्वारा आयोजित एक और कार्यशाला में शिरकत की. शुरुवात में पैसे की तंगी के चलते उन्होंने मधुमक्खी पालन का काम मात्र 15000 रुपये लगाकर 5 पेटियों के साथ ही आरंभ किया.
सिर्फ पांच बॉक्स बढ़कर अब तक 500 बॉक्स का हो गया कारोबार
किसान ओपी मौर्य का कहना है कि मधुमक्खी जब बचपन में फूलों पर बैठा करती थी तो उसे वो गौर से देखता था. उन दिनों से लेकर आज तक मधुमक्खियों से बेइंतहा प्यार आज भी बरकरार है. आज के बदलते दौर के साथ अब उनके पास में 5 बॉक्स से छत पर शुरू किया गया यह काम आज 500 बॉक्स के साथ एक बड़े मैदान में बदल गया है. उनकी ‘प्रकाश’ नाम से शहद की पैकिंग लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के साथ-साथ ऑनलाइन भी कई जगह बिक रही है. उन्हें कई बार प्रदेश के मुख्यमंत्री और राज्यपाल द्वारा सम्मानित भी किया गया है. उनके द्वारा तैयार प्रकाश शहद का स्वाद मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने भी चखा है. वह शहद के मामले में पूरे उत्तर प्रदेश में प्रथम आए थे. उन्हें उत्तर प्रदेश राज्य की सरकार की तरफ से प्रादेशिक फल शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी में 2021 और 2022 में सम्मानित भी किया गया है.
कई फ्लेवर में तैयार होता है प्रकाश कंपनी का शहद
वह कई तरीके के फ्लेवर में शहद का उत्पादन भी कर रहे हैं. जिसमें लिप्टस, बबूल, जामुन, सरसों, मल्टी जैसे अलग अलग तरीके के शहद उत्पादन भी शामिल हैं. वो शहद को पुष्प के परागण से तैयार किया जाता है. और सबसे बड़ी बात सभी शहद का प्रयोग भी अलग-अलग तरीके का है. जैसे शुगर के मरीज जामुन का शहद का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. आमतौर पर मधुमक्खियों का एक बॉक्स 4000 रुपये का मिलता है. वह अपने 500 बॉक्स से लगभग 15 लाख रुपए की सालाना कमाई कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अब आसपास के रहने वालें लोग भी उन्हें देखकर मधुमक्खी पालन की तरफ आज आगे बढ़ रहे हैं.
दूसरे किसानों को भी दे रहे हैं मधुमक्खी पालन ट्रेनिंग
मौर्य ने आगे बातचीत में आगे बताया कि अब वो मधुमक्खी पालन के लिए दूसरे किसानों को भी आज ट्रेनिंग दे रहे हैं. जिला उद्यान अधिकारी सुरेश कुमार ने मीडिया से बातचीत बताया कि ओपी मौर्य की कहानी बहुत छोटे स्तर से शुरू हुए शहद के कारोबार को एक बड़े स्तर तक ले जाने की है. समय-समय पर वह उनसे मिलकर उनका उत्साहवर्धन भी करते रहते हैं. और राज्य शासन से मिलने वाली समस्त जानकारियां और योजनाओं के संबंध में उन्हें अवगत कराते रहते हैं. इससे परभिवत हो कर जिले में अब बड़ी संख्या में किसान मधुमक्खी पालन कर काफी कमाई कर रहे हैं.
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