OMG : आसमान में बिजली चमकने पर यह सब्जी देती है अधिक उत्पादन, मार्केट में भाव है 1000 रुपये किलो

मध्य प्रदेश के मंडला जिले के बाजारों में इन दिनों एक सब्जी आ रही है. इस सब्जी का नाम है पिहरी. बाजार में आने से इसे खाने वाले बहुत खुश नज़र आ रहे हैं. पर इस दुर्लभ सब्जी का भाव सुनते ही आप घबरा जाएंगे. आसमान छूता भाव भी लोगों के उत्साह को कम नहीं कर रहा है. भाव इतने महंगे होने के बावजूद लोग इसे बड़े ही चाव के साथ खरीद रहे हैं.
जायकेदार सब्जियों की बात की जाए तो आज एक से बढ़कर एक सब्जियां बाजार में साल भर उपलब्ध मिलती हैं जबकि पहले सब्जियों का एक सीजन हुआ करता था. अब तो लगभग हर सब्जी हर सीजन में भी मिल जाती है. आज हम आपको एक अनोखी सब्जी के बारे में बताने जा रहे हैं जो सिर्फ एक निश्चित सीजन और निश्चित समय पर ही मिलती है. इस सब्जी के दाम सुनेंगे तो आपके होश भी उड़ जाएंगे लेकिन लोग भी फिर पूरे साल बाजार में आने के लिए इसका इंतजार करते हैं.
जितनी अधिक बिजली चमकती है उतनी अधिक ये सब्जी होती है
पिहरी बारिश के पहले सीजन में मिलती ही है और मुश्किल से 20 से 25 दिन ही इस साग की पैदावार प्राप्त होती है. वो भी पूरी तरह से प्राकृतिक. यह सब्जी जंगल-पहाड़ों में एक निश्चित समय तक ही उगती है और ऐसा भी माना जाता है कि आसमान में जितनी बिजली चमकती है उतनी ही यह सब्जी उगती है. बात अगर इस पिहरी के दाम की करें तो इसके दाम आसमान पर ही रहते हैं. फिर भी लोगों के बीच ये ऑन डिमांड पर है. इसकी कीमत बाजार में आज 800 से लेकर 1000 रुपये किलो तक है.
Also Read: मंडी भाव 4 अगस्त 2022: ग्वार, गेहूं, सरसों, जौ, चना, कपास समेत सभी फसलों का भाव
सिर्फ जंगल में होती है बेहद कम मात्रा में
महानगरों में मशरूम कहलाने वाला ये साग मण्डला जिले में पिहरी नाम से पहचाना जाता है. इसके भाव ज्यादा होने की कुछ वजह है. पिहरी का उत्पादन जंगल, पहाड़ जैसे क्षेत्रों में होती है. यह बहुत कम मात्रा में पैदा होती है. इसे इकट्ठा करना भी बड़ा काम होता है. और इसकी पहचान आदिवासी समुदाय और वनांचल में रहने वाले ग्रामीणों को ही बेहतर होती है. वो लोग इसे जंगल से चुन-चुनकर इकट्ठा करते हैं, इसलिए यह इतनी महंगी मिलती है.
आदिवासी समुदाय और वनांचल में रहने वालों की अच्छी कमाई का जरिया
पिहरी सब्जी भले ही कम समय के लिए आती है. लेकिन ये ग्रामीणों की कमाई का बेहतर जरिया है.ग्रामीण लोग जंगलों से पिहरी इकट्ठा कर इसे सब्जी व्यापारी को बेचते हैं. फिर व्यापारी बाजार लाकर. पिहरी जिले के मवई, मोतीनाला और राष्ट्रीय उद्यान कान्हा से लगे जंगलों में अधिक होती है. जहां साल के पेड़ अधिक होते है. वहां पर ये सब्जी उगती है.
Also Read: Wheat Price: देश की विभिन्न मंडियो में आज के ताज़ा गेहूं के भाव की सूची, यहां देखें
Also Read: MP Weather Update Today: MP के कई जिलों में भारी बारिश और वज्रपात अलर्ट जारी, जानें मौसम विभाग ताजा का अपडेट