खाद्य संकट की और जा रही है दुनिया! भारत सहित ये देश आए सूखे की चपेट में

रूस और यूक्रेन के कारण दुनिया के कई देशों में खाद्य संकट गहरा हुआ था. जिसमें भारत, अमेरिका सहित कई देशों में खाद्यान्न के बपर स्टॉक ने दुनिया के कई देशों ने खाद्य संकट का हल करने में मदद की थी. मौजूदा टाइम में भी दोनों देशों के बीच युद्ध चल रहा हैं. इस के चलते दुनिया के कई देशों में जलवायु परिवर्तन का असर देखने को मिल रहा है. इस कारण से दुनिया के कई देश गंभीर सूखे का सामना करना पड़ हैं. देशों की इन सूची में भारत के साथ ही चीन, अमेरिका और यूरोप भी शामिल हैं.
नतीजा यह निकल की दुनिया में कृषि और किसान संकट में आ गए हैं. इस कारण से दुनिया एक बार फिर गंभीर खाद्य संकट की तरफ बढ़ते हुए दिख रहा है. चलिए जानते हैं कि भारत, अमेरिका, चीन और यूरोप में सूखे की कारण से किस तरह के हालात बन रहे हैं.
गेहूं उत्पादन के बाद धान के रकबे में आई गिरावट
भारतीय खेती इन दिनों जलवायु परिवर्तन का परिणाम भुगत रही है. जिसके कारण से गेहूं के उत्पादन में कमी के बाद अब धान के रकबे में 13 फीसदी की गिरावट आई है. असल में बीते रबी सीजन में गेहूं की फसल को फरवरी-मार्च में चली लू की कारण से नुकसान हुआ था. इस कारण से भारत के गेहूं का उत्पादन 109 मिलियन मीट्रिक टन से घटकर 106 मिलियन मीट्रिक टन पर पहुंच चुका था.
वहीं मॉनसून की कमी के कारण भारत के कई राज्य परेशान हैं. जिसमें देश के पूर्व भारत के राज्य अधिक हैं. जिससे धान की खेती प्रभावित हो रही है. असल में जिन राज्यों में बारिश कम हुई है, वह धान की अधिक उत्पादकता वाले राज्य हैं. सूखे के इन हालातों को देखते हुए बीते दिनों सरकार ने इस सीजन धान रकबे में करीब 13 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया था.
अमेरिका में फसल नष्ट करने के साथ बेच रहे पशुओं को किसान
जलवायु परिवर्तन के कारण से अमेरिका को भी इन दिनों गंभीर सूखे का सामना करना पड़ रहा है. सूखे के कारण से खेती पर असर से पहले अमेरिका में खेती के महत्व को समझते हैं. पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की पहचान के साथ अमेरिका ने कोरोना काल में बड़ी संख्या में कृषि उत्पादों का निर्यात कर खूब माल कमाया था, अपनी अर्थव्यवस्था को बचाकर रखा था. लेकिन मौजूदा समय में पड़ रहे सूखे के कारण अमेरिका की खेती पर भारी असर दिखाई दे रहा है. मसलन अमेरिका के किसान अपनी फसल नष्ट करने के साथ ही अपने पशुओं को बेचने के लिए मजबूर हो गए हैं.
CNN Business की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी फार्म ब्यूरो फेडरेशन के एक नए सर्वेक्षण के हवाले से बताया है कि लगभग तीन चौथाई अमेरिकी किसानें ने सूखे के कारण अपनी फसलों को नुकसान पहुंचाया है. रिपोर्ट के अनुसार इस साल सूखे की स्थिति पिछले साल की तुलना में कहीं अधिक है. वहीं रिपोर्ट में बताया गया कि पानी के स्त्रोत कम होने के कारण से किसान अपने पशुओं को बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं.
यूरोप में भी सुख गई नदियां
वहीं भीषण गर्मी कारण से यूरोप सूखे की चपेट में आ गया है. हुआ यह कि यूरोप के अधिकांश देशों में कम बारिश के कारण नदियां का पानी सूख गया हैं. तो वहीं खेत बंजर पड़े हुए हैं. इस संबंध में CNN की तरफ से प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक यूरोप में फ्रांस रिकॉर्ड सबसे अधिक सूखे का सामना कर रहा है.
रिपोर्ट में European Drought Observatory के हवाले से बताया गया है कि सूखे के मामले में पूरे यूरोप में एक जैसी तस्वीर है. आलम यह है कि यूरोपीय संघ में 60 फीसदी से अधिक भूमि सूखे की चेतावनी का अलर्ट क्षेत्र में है. रिपोर्ट के अनुसार इस सीजन में फ्रांस में लॉयर और रोन, इटली में पो और जर्मनी में राइन सभी ने विशेष रूप से निम्न जल स्तर का अनुभव किया गया है. जिससे परिवहन, कृषि और ऊर्जा उत्पादन प्रभावित किया है.
चीन ने वर्ष का पहला नेशनल सूखा अलर्ट जारी किया
वहीं चीन भी सूखे की तरफ बढ़ रहा है. आलम यह है कि मौजूदा समय में चीन के अंदर अधिक गर्मी के कारण से जगंलों में आग लग चुकी है. वहीं इस बीच दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र चोंगकिंग में 66 नदियां सूख चुकी हैं. रायर्ट्स की रिपोर्ट के मुताबिक इन हालातों में फसलों को सूखे से बचान के लिए चीन ने सूखे को लेकर वर्ष का पहला नेशनल अलर्ट जारी हुआ है.
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