Ladyfingure Farming : अभी रबी का सीजन थोड़े ही दिन और चलेगा, इसके बाद में खरीफ फसल चक्र का दौर आरंभ होने वाला है। इसी के दौरान किसान सब्जियों और बागवानी फसलों की तैयारियों में लगे हुए हैं. कई बागों और सब्जियों की खेती के लिये हर प्रकार की तैयारी हो चुकी है. किसान इस मौसम में भिंडी की फसल भी लगा रहे हैं. भिंडी की फसल से अच्छी पैदावार लेने के लिये जरूरी है कि उन्नत किस्म के बीजों का प्रयोग, अच्छी सिंचाई व्यवस्था, खाद-उर्वरकों का इस्तेमाल और फसल की देखभाल ठीक प्रकार से की जाये. इन सभी कामों के साथ भिंडी की खेती के लिये उस तकनीक का इस्तेमाल करें, जिससे कम खर्च में ही अधिक उत्पादन लिया जा सके.
खेत की तैयारी
भिंडी की खेती गर्मी और सर्दी दोनों मौसम में की जाती है, इसलिये जल निकासी वाली दोमट मिट्टी का चयन करें. सबसे पहले खेत में गहरी जुताई का काम कर लें. दो-तीन जुताई के बाद मिट्टी को समतल कर लें. इसके बाद खेत में गोबर की कंपोस्ट खाद डालकर मिट्टी को पोषण प्रदान करें. Ladyfingure Farming
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भिंडी की बुवाई
भिंडी की बुआई करने से पहले उच्चतम किस्मों के बीजों का चयन करें और बीजोपचार कर लें. बुवाई करते समय लाइन से लाइन की दूरी कम से कम 40 से 45 सेमी. तक रखें. अगर खेत उपजाऊ और सिंचित है तो एक हैक्टेयर भूमि के लिये 2.5 से 3 किग्रा. बीजदर और असिंचित भूमि में 5 से 7 किग्रा बीजों के साथ बुवाई करें. भिंडी की खेती के लिये नर्सरी तैयार करने की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि बीजों को सीधा खेत में बोया जाता है. Ladyfingure Farming
पोषण प्रबंधन
अच्छा उत्पादन लेने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी यह है कि फसल और मिट्टी को समय पर अच्छा पोषण दिया जाये. भिंडी की फसल में पोषण देने के लिये एक हैक्टेयर भूमि में 15-20 टन गोबर की खाद और 80 किग्रा. नाइट्रोजन के साथ 60 किग्रा. पोटाश को अच्छे से मिलाकर भूमि में डाली जाए. इसमें ध्यान रखने योग्य यह है कि नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई करने से पहले और आधी मात्रा 40 दिनों के बाद खेतों में डालनी चाहिये. Ladyfingure Farming
सिंचाई और खरपतवार
-वैसे तो भिंडी वर्षा आधारित फसल है, इसमें अलग से सिंचाई की जरूरत नहीं होती.
-फसल को पोषण और मिट्टी में नमी प्रदान करने के लिये बुवाई के 10-12 दिन बाद सिंचाई जरूर करें.
-बुवाई के 10-15 दिनों बाद खेतों में खरपतावार उग आते हैं, जो भिंडी के पौधों को बढ़ने से रोकते हैं. Ladyfingure Farming
-इसके लिये समय-समय पर निराई गुड़ाई करते रहें.
-खेतों में उगने वाले अनावश्यक पौधे और खरपतवारों को उखाड़कर जमीन में गाड़ देना चाहिये.
-कीट और बीमारियों की निगरानी करते रहें और इनकी रोकथाम के लिये जैविक कीटनाशकों का ही इस्तेमाल करें.
लागत और आमदनी
आमतौर पर भिंडी की खेती झारखंड, मध्यप्रदेश, गुजरात, पंजाब, उत्तरप्रदेश, असम, महाराष्ट्र, हरियाणा और राजस्थान में की जाती है. यहां के किसान 1 लाख रुपए लगाकर भिंडी की फसल से 5 लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं. इस खेती से किसान 3-4 लाख रुपए तक अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. Ladyfingure Farming
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