Rajasthan Agriculture News : अब राजस्थान के किसान खेती में भी नवाचार करते हैं। राजस्थान का भरतपुर जिला सरसों उत्पादन बेल्ट है। लेकिन यहां किसानों ने अन्य फसलों की भी उन्नत खेती की है। भरतपुर के गांव पीपला निवासी दिनेशचंद तेनगुरिया भी इजराइली गेहूं की खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं।
रिश्तेदार से इजरायल से गेहूं का बीज मंगाया
कृषक दिनेश चंद तेनगुरिया ने बताया कि उनके एक रिश्तेदार इजराइल में रहते हैं। उन्हें एक बार इजरायल का गेहूं बहुत अच्छा लगा। तब वे इजराइल से गेहूं की बीज खरीदकर अपने गांव में इजरायली गेहूं की खेती करने का विचार करने लगे। उसने फिर अपने रिश्तेदार से इजराइल से गेहूं का बीज मांगा और अपने खेत में बुबाई। किसान दिनेश ने बताया कि इजरायली गेहूं की बाली तीन गुना बड़ी होती है। अब कृषि विभाग के अधिकारी भी इजरायली गेहूं की खेती पर जा रहे हैं। 10 किलो इजराइली गेंहू के बीज को 700 रुपए प्रति किलो की दर से बेचा गया।
यह इजरायली गेहूं की एक विशेषता है।
किसान दिनेश चंद बताते हैं कि इजराइल में गेहूं की फसल बहुत अच्छी तरह से देखभाल की जाती है। 20 दिन में पहला पानी इस फसल में लगता है। एक एकड़ में पांच किलो बीज पर्याप्त है। इसका स्वाद भारतीय गेहूं की तरह है। इसकी उत्पादकता एक एकड़ में लगभग सौ मन या चालिस क्विंटल होती है। इसका दाना काफी मोटा होता है और इसका वजन भी अधिक है। इस फसल को देखने के लिए जिले के कृषि अधिकारी और आसपास के किसान भी आ रहे हैं। Rajasthan Agriculture News
किसान ने बताया कि हमने खेत में जैविक खाद का उपयोग किया। जैविक खेती से उत्पादित फसल, जो रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग नहीं करती, मानव स्वास्थ्य को अच्छा बनाती है। इसके अलावा, इस गेंहू की पैदावार प्रति एकड़ 40 क्विंटल तक होती है। यह गेहूं बहुत भारी और मोटा होता है। यही कारण है कि यदि किसान इस नई किस्म की गेंहू की बुवाई करते हैं, तो वे कम खर्च पर बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं। Rajasthan Agriculture News
इजरायली गेहूं किसी भी मिट्टी में उगाया जा सकता है
इजरायली गेहूं की बालियां उसे खास बनाती हैं, कहते हैं किसान दिनेश चंद तेनगुरिया। विभिन्न प्रकार के गेहूं की बालियों की तुलना में इसका बीज काफी लम्बा होता है। इजरायली गेंहू की बालियां 4 से 5 इंच लम्बी होती हैं, लेकिन आम गेहूं की बालियां 9 से 12 इंच लम्बी होती हैं। इस फसल में आम फसलों की तुलना में अधिक पानी लगता है। इस गेहूं की किस्म की कमाई आम गेहूं की तुलना में तीन गुना अधिक होती है।
दिनेश चंद तेनगुरिया कहते हैं कि इजरायली गेहूं किसी भी मिट्टी में उगाया जा सकता है। इस फसल को तैयार होने में 150 दिन लगेंगे। इस फसल को अक्टूबर में बोया जाता है, और फरवरी तक पककर तैयार हो जाएगा किसान दिनेश चंद ने बताया कि इजराइली गेहूं बाजार में बड़ी मांग है। इससे जुड़ी Rajasthan Agriculture News
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