Edible Oil Price: महंगाई से राहत, 25 रुपये तक सस्ता हुआ खाने का तेल

नई दिल्ली. इस महंगाई के दौर में आम आदमी के लिए राहत की खबर है. खाद्य तेलों की कीमतों (Edible Oil Price) को नियंत्रित करने के लिए सरकार की तरफ से बहुत सारे प्रयास हो रहे हैं और इस कारण से खाने के तेल की कीमतों में 25 रुपये प्रति लीटर तक गिरावट आई है.
खाद्य तेलों की औसत मासिक खुदरा कीमतों में आई उल्लेखनीय कमी
पीआईबी के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में प्रमुख पैक्ड खाद्य तेलों की औसत मासिक खुदरा कीमतों में उल्लेखनीय कमी देखने को मिली है. मार्च 2022 में पैक्ड सरसों के तेल की खुदरा कीमतें 200 रुपये प्रति लीटर से ऊपर बनी हुई थीं और अब 17 जुलाई, 2022 को इसकी कीमतें लगभग 184 रुपये प्रति लीटर तक आ चुकी है.
पैक्ड सोया ओर पाम तेल की कीमतों में भी गिरावट दर्ज
पैक्ड सोया तेल का रेट जो मार्च में करीबन 180 रुपये प्रति लीटर और मई 2022 में लगभग 200 रुपये प्रति लीटर हो चुका था लेकिन 17 जुलाई, 2022 को घटकर 166 रुपये प्रति लीटर पर आ चुका है. वहीं, पैक्ड पाम तेल की खुदरा कीमतें जो मार्च में करीबन 165 रुपये प्रति लीटर और मई 2022 में 175 रुपये प्रति लीटर था जो 17 जुलाई, 2022 को घटकर 150 रुपये प्रति लीटर पर आ चुका है.
6 जुलाई की बैठक में भी मंत्रालय ने रेट कम करने के दिए थे आदेश
इससे पहले 06 जुलाई, 2022 को, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने एक बैठक में प्रमुख खाद्य तेल एसोसिएशन को खाद्य तेलों के MRP में 15 रुपये की कमी तुरंत प्रभाव से सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया. केंद्र ने यह भी सलाह दी कि निर्माताओं और रिफाइनर द्वारा वितरकों को कीमत भी तुरंत कम करने की आवशकता है ताकि कीमतों में गिरावट किसी भी तरह से कम न हो. इस बात पर भी जोर दिया जा रहा था कि जब भी निर्माताओं/रिफाइनरों द्वारा वितरकों को कीमत में कमी की जाती है, तो इंडस्ट्री द्वारा उपभोक्ताओं को लाभ भी दिया जाना चाहिए.
आयात शुल्क को कम करने का पड़ा असर
सरकार के प्रयासों खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट का रुझान दिख रहा है और इसमें और गिरावट आने का अनुमान है. खाद्य तेल की गिरती कीमतों से मुद्रास्फीति को भी ठंडा करने में मदद मिलने वाली है. यह सभी हितधारकों के साथ निरंतर निगरानी और जुड़ाव और सरकार द्वारा कई हस्तक्षेपों के कारण संभव भी है. तेल की कीमतों में कमी केंद्र सरकार द्वारा खाद्य तेलों पर आयात शुल्क को कम करने है.
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