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गेहूं, चावल, दाल, मैदा, बीज समेत इन अनाज पर अब लगेगा जीएसटी, जानें कितनी बढ़ेगी महंगाई

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रायपुर. महंगाई के इस दौर में एक बार फिर आम जनता को झटका लगा है. जीएसटी काउंसिल की 47वीं बैठक के निर्णय के अमूसर अब अनब्रांडेड और प्री-पैक्ड वस्तुओं पर पांच फीसदी जीएसटी लगने वाला है. इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी हुआ है.

केंद्रीय माल और सेवाकर अधिनियम-2017 के अनुसार अब चावल, आटा, गेहूं, मैदा, सूजी, दही, छाछ, लस्सी अन्य प्री-पैक्ड अनाज, बीज इत्यादि पर जीएसटी लगने वाला है. इस निर्णय पर प्रदेश के अंदर और देश के अन्य राज्यों में व्यापारी संगठनों ने विरोध दर्ज करवाया है. बीते दिनों कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) और चैंबर आफ कामर्स ने कड़ा विरोध जाहीर किया था और देशभर में आंदोलन करने की बात कही गई थी.

75 साल में पहली बार लगेगा अनाज पर टैक्स

डूमरतराई थोक बाजार के अध्यक्ष राम मंधान का बताना है कि देश के आजाद होने के बाद पहली बार अनाज समेत अन्य खाद्य पदार्थों पर टैक्स लगाया जा रहा है. इससे पहले कभी भी दाल, चावल, आटा, गेहूं, मैदा, सूजी पर टैक्स नहीं लगाया गया है. केंद्र सरकार ने अपने नोटिफिकेशन में ड्राइड लेगुमिनियस वेजिटेबल्स शब्द के सहारे सभी प्रकार के उत्पादों को पांच प्रतिशत जीएसटी के दायरे में लाने का रास्ता साफ किया है.

85 प्रतिशत घरों में अनब्रांडेड का प्रयोग 

कारोबारियों के अनुसार 85 प्रतिशत घरों में 100 में से 70 से 80 प्रकार के सामान अनब्रांडेड प्री पैक्ड आते हैं. ऐसे में एक-एक सामानों की कीमतें बढ़ने वाली है. 100 सामान लेने पर परिवार पर कम से कम 800 से 1000 रुपये का भार आने वाला है.

18 जुलाई से होगा लागू, विरोध बढ़ने वाला है

केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के अनुसार 18 जुलाई से यह नोटिफिकेशन लागू होगा. हालांकि, राज्य के भीतर और देश में इसका विरोध किया जा रहा है. चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के पदाधिकारियों का बताना है कि कपड़े में भी जीएसटी लागू करने के बाद चौतरफा विरोध किया गया है, जिसके बाद केंद्र सरकार को यह फैसला वापस लेना पड़ेगा. व्यापारियों का बताना है कि नोटिफिकेशन लागू होने के बाद भी विरोध जारी रहने वाला है.

इन पर लगेगी 5 फीसदी जीएसटी

1. चावल, आटा, मैदा, सूजी, पोहा,

2. दही

3. छाछ

4. लस्सी

5.सभी प्रकार के गुड़

6. फूला हुआ चांवल जिसे आमतौर पर मुरी के नाम से जाना जाता है.

7. चपटा या पीटा हुआ चावल

8. पार्च्ड चावल

9.सिंचाई किट

10. आर्थोपेडिक उपकरण

11. शरीर के कृत्रिम अंग,सर्जिकल बेल्ट

12.सोलर वाटर हीटर और सिस्टम

13. प्रिटिंग स्याही, बाल पेन स्याही

14. चम्मच,साइकिल पंप

15.दूध निकालने वाली मशीन

16.बीज, अनाज

चावल- 2000 ( 25 किलो)-2100-100 रुपये

आटा- 600 रुपये (20 किलो)-630 रुपये- 30 रुपये

मैदा- 80 रुपये (1 किलो)-84 रुपये- 4 रुपये

सूजी- 20 रुपये (1 किलो)-21 रुपये- 1 रुपये

दाल-110 रुपये (1 किलो )- 115.50 रुपये- 5.50 रुपये

2017 में जीएसटी लागू होने के बाद अधिकतर खाद्य उत्पाद जो कि दैनिक जरूरतों में शामिल किया हैं, इसे जीएसटी को अलग रखा गया था. वर्तमान में सभी प्रकार के खाद्य उत्पाद अब जीएसटी के दायरे रखा गया हैं. इससे बाजार में महंगाई बढ़ने वाली है. साथ ही लघु एवं कुटीर उद्योगों को भी महंगाई का सामना करना पड़ेगा. हम इसका विरोध कर रहे हैं.

-अमर पारवानी अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज

जीएसटी काउंसिल का उद्देश्य प्री-पैक्ड उत्पाद जिस पर पहले जीएसटी नहीं लिया था, इसे पांच प्रतिशत के दायरे में रखा गया है. इससे राज्य और केंद्र सरकार दोनों के राजस्व में जबरदस्त वृद्धि का अनुमान है, क्योंकि अब अधिकतर उत्पाद जीएसटी के दायरे में आने वाले है.

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