RBI Repo Rate: RBI ने बढ़ाया रेपो रेट, अब इतनी महंगी हो जाएगी लोन की किस्त

RBI repo rate: देश का आम आदमी पर लगातार महंगाई का बोझ बढ़ रहा है। इसी बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी प्रमुख ब्याज दर अर्थात रेपो रेट (Repo Rate) में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी करने का फैसला अब लिया है.और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के इस फैसले सेके बाद देश में रेपो रेट बढ़कर अब 5.40 फीसदी हो गई है। जानकारी के लिए बताते चले बीती आठ जून को हुए पिछले नीतिगत ऐलान में भी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में आधे फीसदी का इजाफा किया था और जिसके बाद रेपो रेट बढ़कर 4.90 फीसदी पर पहुंच गई थी. वही दूसरी और जानकारों का मानना है कि रिजर्व बैंक ने महंगाई में कमी लाने के लिए ही रेपो रेट में यह इजाफा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा किया है. इसका महंगाई पर तो असर का फिलहाल पता नहीं पर इस फैसले से एक बात तो साफ है कि होम लोन की ईएमआई भरने वालों को अधिक भुगतान के लिए अब कमर कस लेनी चाहिए. भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट में इजाफा किए जाने के बाद से बैंकों ने भी अपनी लोन की दरों में बढ़ोतरी शुरू कर दी है.
आपकी ईएमआई पर होगा इसका असर
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की रेपो रेट में इस बढ़ोतरी का बोझ बैंक अपने ग्राहकों पर भी डालेंगे. इसका सीधा असर आपके लोन की किस्त पर आएगा और अब किस्त बढ़ जाएगी. यानी होम लोन (Home Loan) के साथ-साथ आपके पर्सनल लोन (Personal Loan) और यहां तक कि ऑटो लोन (Auto Loan) की ईएमआई में भी इसके कारण कुछ इजाफा होगा. उदाहरण के तौर पर अगर आपने 20 लाख रुपये का होम लोन लिया हुआ है और उसकी समय अवधि 20 वर्ष की है तो आपकी किस्त अब 16,112 रुपये से बढ़कर सीधे 16,729 रुपये पर पहुंच जाएगी. आइए समझते हैं कि लोन पर ब्याज दर .5 फीसदी बढ़ जाने पर किस्तों (EMI) पर क्या फर्क पड़ेगा.
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, आज हुई ये बढ़ोतरी एक दशक में सबसे अधिक तेज है. बताते चलें कि अभी हाल ही में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व यानी यूएस फेडरल रिजर्व ने भी अपनी ब्याज दरों में ऐसे ही इजाफा किया था. जिसके चलते कयास लगाए जा रहे थे कि आरबीआई भी ब्याज दरों को बढ़ाने का फैसला ले सकता है.
देश की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को रखा बरकरार
RBI के इस रेपो रेटे में हुए इजाफे के साथ ही यह दर अगस्त 2019 के बाद सबसे ज्यादा हो गई है. यानी कहा जा सकता है कि रेपो रेट अब कोरोना महामारी से पहले के स्तर पर दोबारा पहुंच गई है. बताते चलें कि RBI पहले ही ये ऐलान कर चुका था कि वो धीरे-धीरे अपने उदार रुख को वापस कर लेगा. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023 के लिए देश के सकल घरेल उत्पाद (GDP) के ग्रोथ अनुमान को 7.2% पर ही बरकरार रखा है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और बैंक रेट्स को 5.15% से बढ़ाकर अब 5.65% किया गया है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रेपो रेट का आपकी ईएमआई से क्या कनेक्शन है?
इकॉनमी के जानकारों यानी बिजनेस एक्सपर्ट्स के अनुसार रेपो रेट को प्रमुख ब्याज दर के नाम से भी जाना जाता हैं. यह रेपो रेट वो दर होती है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक आरबीआई से पैसा उधार पर लेते हैं. आसान सी बात है कि जब बैंकों के लिए उधारी भी महंगी हो जाती है, तो वे आगे ग्राहकों को भी अधिक दर पर लोन उपलब्ध करवाते हैं. इसका सीधा अर्थ है कि रेपो रेट बढ़ने पर होम लोन (Home Loan), कार लोन (Car Loan) और पर्सनल लोन (Personal Loan) जैसा कर्ज अपने आप ही महंगा हो जाता है.
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