Banking News : देश में बढ़ते हुए आधुनिकीकरण और डिजिटलाइजेशन के बीच बैंकों का कार्य साल दर साल बढ़ रहा है. परंतु देश भर के ज्यादातर बैंकों में अफसरों की भर्तियां ज्यादा हो रही है और क्लर्क स्तर की भर्तियों में कमी आ रही है. ऐसा क्यों हो रहा है इसके बारे में जानकारों ने इसके बारे में बताया है. आइये जानिए विस्तार से
बैंकों के भर्ती पैटर्न में हो रहा, बदलाव
देश में बैंकिंग सेक्टर में काम बढ़ता जा रहा है. लेकिन डिजिटल टेक्नोलॉजी के चलते राष्ट्रीयकृत बैंकों के भर्ती के पैटर्न में बदलाव आ रहा है. रिजर्व बैंक का अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों के कर्मचारियों पर किया गया विश्लेषण बताता है कि इस सेक्टर में कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. परंतु यह बढ़ोतरी मात्र ऑफिसर कैडर में हो रही है. सहयोगी, कलर्क, सब-स्टाफ में वित्त वर्ष 2017 से गिरावट आ रही है. Banking News
हर साल अधिकारियों के अनुपात में हुई, वृद्धि
2017 में देश की वाणिज्यिक बैंकों में कुल 13 लाख कर्मचारी थे इनमें 62% यानी लगभग 8 अफसर थे बाकी 38% कनिष्क कर्मचारी यानी कि क्लर्क और सब स्टाफ शामिल थे. इसके बाद से कुल कर्मचारियों में अधिकारियों का अनुपात धीरे-धीरे हर साल बढ़ता रहा और वित्त वर्ष 2023 तक 74% पर जा पहुंचा. Banking News
सीनियर स्टाफ की बढ़ी, जरूरत
परंतु क्लर्क का अनुपात कुल कर्मचारियों में सिर्फ 26% तक रह गया. हाल ही में आई आरबीआई की ई और फाइनेंस रिपोर्ट में पिछले दशक में बैंकिंग कर्मचारियों के बदलते अनुपात पर भी बताया है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2011 में अधिकारी और सहायक कर्मचारी 50:50 के अनुपात पर थे. परंतु यह आंकड़ा साल 2023 में बदल गया. वित्त वर्ष 2023 तक की है आंकड़ा बदलकर 74:26 का अनुपात देखने को मिल रहा है.
इन आंकड़ों पर विश्लेषण करने वालों और बैंकरों का कहना है की केवाईसी और कागजात जैसे काम के लिए टेक्नोलॉजी टूल्स आने से जूनियर स्तर की भर्ती पर असर पड़ रहा है. अब ज्यादातर काम बदलते दौर में नई-नई टेक्नोलॉजी के सॉफ्टवेयर के जरिए हो जाता है. इसके अलावा अधिकतर एनालिटिकल और सुपरवाइजर स्टार के सीनियर स्टाफ की जरूरत बढ़ी है. Banking News